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घर

Writer: Sangeeta AgrawalSangeeta Agrawal

Updated: Sep 12, 2020

घर एक मंदिर होता है। ऐसा अक्सर हम कहते हैं पर इस भाव में सत्यता है।

I हम किसी मंदिर में माथा टेकने जाते हैंक्योंकि हम सोचते हैं कि वहां पर जो शक्ति है वह हमारे कष्ट दूर कर देगी। मंदिर में वह शक्ति आती कहां से है। हम निष्काम भाव से उस मूर्ति की सेवा करते हैं और मंत्रों का सप्रेम उच्चारण करते हैं तब सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। धीरे-धीरे वह वहां एकत्र हो जाती है और एक शक्ति का रूप ले लेती है वैसे ही अगर घर का मुखिया निष्काम भाव से अपने परिवार का पालन पोषण करता है। जहां छल कपट अहंकार ना हो अपने कर्तव्य पालन के साथ अपने इष्ट की सेवा भी निष्काम भाव से करता हो वह घर सच में मंदिर है। जिस घर में किसी भी जगह ताला ना लगा हो इसका अर्थ है परिवार में एक दूसरे पर विश्वास। आपस में अपने विश्वास को टूटने ना दें और एक मजबूती के साथ आगे बढ़े।


 
 
 

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