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भगिनी

किसी भी रिश्ते को शब्दों में व्यक्त करना आसान नहीं है । सामान्य रूप से पति पत्नी का रिश्ता लेन-देन का ही होता है। एक दूसरे से आशाएं आकांक्षाएं इच्छाएं ही होती है जो कि पति पत्नी को एक दूसरे के लिए पूरी करनी चाहिए परंतु धर्म पत्नी का कर्तव्य थोड़ा इससे आगे का है कि वह अपने पति को धर्म के मार्ग से भटक ने ना दे अगर उसने भटकने दिया तो वह अपने शरीर का आधा अंग खराब कर लेती है। हम जीवन में कभी भी किसी खराब चीज के साथ आगे तो बढ़ सकते हैं पर ऊंचाइयों नहीं छू सकते। इसीलिए पत्नी को अर्धांगिनी कहां गया है। आपको इतना अनमोल जीवन मिला है इसलिए इसको सोच विचार और एक दिशा के साथ आगे बढ़ाएं।

 
 
 

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