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स्वतंत्रता

Writer: Sangeeta AgrawalSangeeta Agrawal

Updated: Sep 13, 2020

अपने आप को किसी भी चीज से स्वतंत्र करना इतना आसान नहीं है जितना हम सोचते हैं। आज हम नारी शक्ति की बात करते हैं परंतु जब तक नारी नहीं चाहेगी तब तकवह स्वतंत्र नहीं हो सकती। आज उसे जीवन के हर क्षेत्र में स्वतंत्रता प्राप्त है आर्थिक स्वतंत्रता खाने की घूमने की लेकिन जीवन भर अपने हर रिश्ते से जिस भाव से वह जुड़ी रहती है उस भाव से अपने आप को स्वतंत्र नहीं करेगी तब तक वह स्वतंत्र नहीं हो सकती। वह अपने इस भाव के अधीन है इसीलिए वह अपने हर रिश्ते के सामने झुक जाती है। अपने अंदर कादृढ़ निश्चय ही उसे स्वतंत्र बना सकता है।

 
 
 

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