top of page

मां यशोदा

  • Oct 12, 2020
  • 1 min read

Updated: Oct 13, 2020

जन्म देने वाली ही सिर्फ मां नहीं होती। हर कठिन परिस्थिति में जो आपको गिरने से बचा ले । आपके आत्मबल को संभाल ले । उस स्त्री में भी मां होती है । वह फिर आपकी पत्नी हो, दोस्त हो, छोटी बहन हो या आपका उससे कोई भी रिश्ता हो इसलिए हर स्त्री का सम्मान हृदय से करना चाहिए । जिस घर में ,समाज में और देश में स्त्री का सम्मान नहीं होता । वहां समृद्धि और संपन्नता नहीं आती। कृष्ण को भी तो मां यशोदा ने ही पाला क्योंकि उन को जन्म देने वाली मां परिस्थिति वश उनका पालन पोषण नहीं कर सकती थी । मां टेरेसा तो कितनों की मां थी । मां अर्थात जिसे दूसरों को प्रेम देने की इच्छा हो । जो सबके कष्ट हर लेने वाली हो वही मां होती है। गाय और पृथ्वी को भी माता का ही स्थान दिया गया है क्योंकि उन्हें भी धारणी माना गया है। नमन उन सभी माताओं को जिन्होंने हमें धारण कर रखा है।



 
 
 

Recent Posts

See All
समदृष्टि

आज कविता सुबह-सुबह कार्य में व्यस्त थी क्योंकि आज उसकी सासू मां तीर्थ कर लौट रही थी।कविता के दरवाजे की घंटी बजी तो वह हाथ का काम छोड़ कर...

 
 
 

Comentários


bottom of page