ईश्वर जो भी परिस्थिति आपके सामने रखें उससे घबराए नहीं ना ही भागे। अगर भागे तो आगे चलकर वहीं परिस्थिति बड़े रूप में मिलती है। उसका हमें सामना करना चाहिए। महात्मा गांधी ने तो जेल में भी गीता महत्त्व नामक पुस्तक लिख डाली। जेल यानी बंद चारदीवारी में भी प्रकाश का उजाला कर लिया। अगर हम किसी भी परिस्थिति से घबराए तो हमें समझना चाहिए कि हम किसी कार्य को अधूरा छोड़ कर आगे बढ़ गए इसीलिए उस कार्य को पूरा करके ही दृढ़ता से आगे बढ़े।
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