परिवार शब्द बोलते ही एक बहुत ही सुंदर भाव का एहसास होता है। परिवार का भाव आते ही बाबा दादी, ताऊ ताई, माता-पिता भाई बहन बुआ सब रिश्ते सामने आ जाते हैं। एक भरे हंसते खिलखिलाते परिवार का एहसास मन को छू जाता है। परंतु अब ऐसे परिवार कहां पर अब से माता पिता और बच्चे हैं। इस तस्वीर में से तो बाबा दादी भी निकल गए फिर हम अपने बच्चों से अच्छे संस्कारों की उम्मीद क्यों करते हैं क्योंकि जो उन्होंने देखा नहीं उसका अनुसरण बच्चे कैसे करेंगे इसलिए आज हमें अपने जीवन और विचारों को सही दिशा देने की आवश्यकता है।

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