top of page

जन्म लग्न

Writer's picture: Sangeeta AgrawalSangeeta Agrawal

हम जिस समय में जन्म लेते हैं उसके अनुसार एक जन्मपत्रिका बनती है। उसमें हमारे पूरे जीवन के उतार-चढ़ाव का विवेचन होता है । यदि हम उसको देख देख कर ही दुखी और सुखी होते रहेंगे या भाग्य में लिखा है तो यह होकर ही रहेगा यह गलत है । सावित्री सत्यवान के प्राण बचा लाई थी । यह उसके कर्म की शक्ति थी नहीं तो सत्यवान का जीवन तो बहुत अल्प था।

हमारे जीवन में कभी कभी ऐसी कठिन परिस्थितियां आती हैं । अगर हम उनका डटकर सामना करें और सफलतापूर्वक पार निकल जाए तो समझना हमने कुछ पा लिया है । जो आगे हमें कुछ देने वाला है । जैसे बच्चे आज कंप्यूटर गेम्स खेलते हैं। उसमें उन्हें कुछ ही लाइफ मिलती हैं गेम खेलने के लिए । अगर उन्हें आगे बढ़ना है तो खेल के बीच में ही कुछ लाइफ एकत्रित करनी पड़ती है जो आगे चल कर उन्हें लड़ने में मदद करती हैं और खेल को पूरा करने में सहायता करती हैं।

किसी भी विचार को मन में रखकर हारिए नहीं पता नहीं कब आपका दृढ़ निश्चय और आचरण आपको जीवन में क्या दे जाए । हराने वाले तो बहुत मिलते हैं पर जीतना स्वयं को ही पड़ता है । इसलिए हमेशा सजग रहिए और खुश रहिए।

12 views0 comments

Recent Posts

See All

पहल

समदृष्टि

आज कविता सुबह-सुबह कार्य में व्यस्त थी क्योंकि आज उसकी सासू मां तीर्थ कर लौट रही थी।कविता के दरवाजे की घंटी बजी तो वह हाथ का काम छोड़ कर...

Comments


bottom of page