आज कहानी लिखने का दिन है । यह सब कहानियां जो मैं इस के अंतर्गत लिखूंगी वह स्वरचित नहीं है । यह या तो मैंने पढ़ी है या बचपन में सुनी है।
रामदीन काका के खेत में एक पेड़ बीचो-बीच खड़ा था । जो उन्हें हल चलाने में परेशान कर रहा था । उन्होंने कहा कल यह गांव के किसानों के साथ मिलकर पेड़ काट दूंगा । यह बात उस पर बैठी चिड़िया ने सुन ली और अपने बच्चों से कहने लगी कि अब हमें यह स्थान छोड़ना होगा पर अभी हमारे पास समय है। थोड़े दिन बाद जब किसी ने किसान की सहायता नहीं की तो किसान बोला कल मैं मजदूर लेकर आऊंगा और यह पेड़ काट डालूंगा । चिड़िया यह बात भी सुन रही थी पर बच्चे घबरा रहे थे । तब चिड़िया बोली घबराओ नहीं अभी इस पेड़ को काटने में देर है। हम यहां रह सकते हैं। बच्चे निश्चिंत हो गए । थोड़े दिन बाद जब किसान फिर आया तो उसने कहा कोई मेरी मदद करने को तैयार नहीं है । अब कल मैं ही इस पेड़ को काट लूंगा । चिड़िया भी यह बात सुन रही थी । उसने बच्चों से कहा कल भोर होते ही हम उड़ जाएंगे क्योंकि कल पेड़ जरूर कटेगा । बच्चों ने पूछा ऐसा क्यों मां । मां ने कहा - जब किसान ने दूसरों के सहारे काम छोड़ा था तो वह काम उसका नहीं हुआ परंतु उसने आज अपना काम करने का निश्चय स्वय किया है तो कल काम जरूर होगा । कल वह पेड़ जरूर काटेगा।
अपना काम स्वयं करना पड़ता है । दूसरों के सहारे हम नहीं जीत सकते।
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