एक छायादार वृक्ष के नीचे छोटे-छोटे पौधों का विकास नहीं हो सकता क्योंकि वह उसके नीचे धूप छांव को, हवा को झेलना नहीं सीख पाते। इसलिए उन्हें दूसरी जगह लगाना जरूरी है। आरंभ में उसे जड़ पकड़ने में परेशानी होती है लेकिन बाद में वह स्वयं एक वृक्ष का रूप ले लेता है। इसी तरह पिता की छाया से अगर बच्चों को निकालकर अलग नहीं भेजा जाए तो वह आत्मनिर्भर नहीं बन पाते हैं। अलग होने पर ही बच्चे अपनी स्वतंत्र सोच का निर्माण कर सकते हैं।
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