किसी भी लंबी लड़ाई को लड़ने के लिए आपका अपमान होना बहुत जरूरी है या हम ऐसा भी कह सकते हैं कि हमारे मन के भ्रम का टूटना बहुत जरूरी है। अगर गांधी जी को ट्रेन से बाहर नहीं निकाला जाता तो क्या उनके मन में अपने देश की स्वतंत्रता का विचार दृढ़ होता। द्रौपदी के अपमान से प्रतिशोध और न्याय पाने की जो ज्वाला जली अगर वह ना जलती तो क्या पांडव न्याय के लिए इतनी दृढ़ता से लड़ते । किसी के द्वारा किया गया अपमान आपको उसके मोह से छुडा देता है और आगे बढ़ जाने की प्रेरणा देता है । जब कोई आपका अपमान करें या अपशब्द कहे तो आप परेशान मत होना या उसे दोष मत देना क्योंकि ऐसा करके उसने आपके सोचने का दायरा बढ़ा दिया नहीं तो आप विचारों के एक कुएं में ही बंद रहते इसलिए कभी भी आप किसी सफलता या ऊंचाई को पा जाए तो उन व्यक्तियों का अपने हृदय से धन्यवाद कहना ना भूलें जिनके अपमान और शब्दों ने आपकी नींव मजबूत कर दी थी । आप खुद सोच कर देखिए किसी का अपमान करना और किसी को अपशब्द कहना इतना आसान नहीं है।
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