Sangeeta Agrawal
Aug 28, 20211 min
जेठ की तपती धूप मे प्रिया सामान हाथ में लिए रिक्शा का इंतजार कर रही थी, परंतु तेज धूप के कारण सब उससे ज्यादा रुपए मांग रहे थे।थोड़ी देर में पीछे से एक आवाज आई बहन जी कहां जाना है। प्रिया ने अपना पता बताया और पूछा कितने रुपए लोगे।उसने कहा जो आप उचित समझे दे दीजिएगा। इतनी कड़ी धूप में ऐसे प्यारे वचनो ने उसका मन मोह लिया। प्रिया के घर से पहले कचोरी वाला ठेला लगाता था उसकी कचोरी सब्जी बहुत मशहूर थी।जब उसका रिक्शा उस कचौड़ी वाले के सामने से निकला तो रिक्शावाला थोड़ी दूर तक उसे ही देखता रहा। प्रिया को अहसास हुआ कि यह भूखा है।जब वह घर पर उतरी तो उसने किराया देने के बाद उसे और पैसे देते हुए कहा - भैया आप यहां सामने कचौड़ी वाले से कुछ लेकर खा लीजिएगा।रिक्शावाला मुस्कुरा कर बोला - बहन जी सच में बहुत भूख लगी थी। उसके मुंह से ऐसे वचन सुनकर प्रिया को एक अजीब सी संतुष्टि मिली।
हम अपने जीवन में छोटी-छोटी खुशियां बांटने की पहल कर सकते हैं पहल एक नया कदम उठाने की।